भारतीय पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह ऐसे स्टाइलिश खिलाड़ी है जिन्होंने एक वक्त पर अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस के वजह से कप्तान के सबसे दावेदार में से माने जाते हैं। युवराज सिंह ने एक बहुत बड़ी चौंकाने वाली बात का खुलासा किया है कि, आखिरकार किस तरह से बेहतरीन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की वजह से कप्तान बनने का मौका उनके हाथ से निकल गया।
युवराज सिंह ने स्पोर्ट्स 18 में बातचीत के दौरान संजय मांजरेकर के सामने अपनी कप्तानी को नहीं मिलने की वजह से बड़ा बयान दिया है। बयान के दौरान युवराज सिंह ने बताया कि ग्रेग चैपल विवाद में सचिन तेंदुलकर का साथ देने के कारण उन्हें टीम इंडिया की कप्तानी नहीं मिल पाई थी। BCCI के कुछ पदाधिकारियों को युवराज सिंह की यह बात पसंद नहीं आई जिसके कारण युवराज सिंह को उप कप्तान से भी हटा दिया गया।
युवराज सिंह ने बताया कि, मैं कप्तान बनना चाहता था जिसके बाद ग्रेग चैपल और सचिन तेंदुलकर के बीच विवाद हुआ, जिसमें मैंने सचिन तेंदुलकर का साथ दिया जिसके कारण BCCI के कुछ अधिकारियों को यह बात पसंद नहीं आई मैंने ऐसा भी सुना था कि वह किसी को भी कप्तान बना सकते हैं लेकिन मुझे नहीं।
युवराज सिंह ने कहा कि 2007 में इंग्लैंड दौरे पर वीरेंद्र सहवाग जैसे बेहतरीन खिलाड़ी टीम में शामिल नहीं थे। मैं उस समय वनडे टीम का उप कप्तान था और राहुल द्रविड़ इस टीम के कप्तान थे। वनडे टीम के उपकप्तान होने के नाते मुझे यह लग रहा था कि मैं कप्तान बनने वाला हूं। लेकिन अचानक मुझे उपकप्तान से हटा दिया गया। 2007 टी20 वर्ल्ड कप के लिए अचानक ही महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान बना दिया गया।
युवराज सिंह ने आगे बताते हुए कहा कि भले ही यह फैसला मेरे खिलाफ हुआ है लेकिन मुझे इससे कोई अफसोस नहीं है। आज भी अगर ऐसा कुछ हालात होंगे तो मैं अपने टीम के सीनियर खिलाड़ी के साथ हमेशा खड़ा रहूंगा। आपको बता दें कि युवराज सिंह भले ही टीम इंडिया के कप्तान नहीं बने थे, लेकिन उन्होंने 2007 t20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जिताने में बड़ा योगदान निभाया है।