वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यु टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले यशस्वी जायसवाल ने सुबह 4:30 वीडियो कॉल पर अपने पिता के बातचीत की. इस दौरान वह अपने इमोशंस पर काबू नहीं रख पाए और काफी भावुक हो गए.भारत और वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच को भारत ने पारी और 141 रनों से जीत लिया है. पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज की पूरी टीम मात्र 150 रन पर ढेर हो गई.
भारत ने 421 रन बनाकर अपनी पहली पारी घोषित कर दी. वेस्टइंडीज की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 130 रन ही बना पाई. इसके साथ ही भारत ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली है.इस टेस्ट मैच में एक खिलाड़ी ने अपने धमाकेदार प्रदर्शन से प्रशंसकों का दिल जीत लिया है.
वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट मैच में बहुमूल्य 171 रन बनाकर 21 वर्षीय यशस्वी जायसवाल ने दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों को अपना दीवाना बना लिया है. इस समय यशस्वी जायसवाल जहां पर खड़े हैं, वहां पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा है. यह सफर उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है.
यह सफर यशस्वी जायसवाल के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था. उन्होंने पानी पुरी बेचने से लेकर सिर पर छत ना होने तक का संघर्षपूर्ण सफर तय किया है. इस मुकाम को पाने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया है. अब लगता है कि उनके संघर्ष का दिन समाप्त हो चुके हैं और अच्छे दिन उनका इंतजार कर रहा है.
आईपीएल 2023 में राजस्थान रॉयल्स के लिए धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले जायसवाल को टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा बनने का मौका मिला. उन्होंने अपने पहले ही टेस्ट मैच में 171 रनों की लंबी पारी खेल कर साबित कर दिया है कि वह एक लंबी रेस के घोड़े हैं.
अब पहला टेस्ट मैच खत्म होने के बाद मालूम हुआ है कि शतक लगाने के बाद मैच के दूसरे दिन सुबह 4:30 बजे यशस्वी जायसवाल ने अपने पिता से वीडियो कॉल पर बातचीत की. बातचीत के दौरान जायसवाल अपने इमोशंस पर काबू नहीं रख पाए और भावुक हो गए. इस दौरान वह अपने आंसू पर काबू नहीं रख सके.
इस संबंध में बातचीत करते हुए यशस्वी जायसवाल के पिता भूपेंद्र जायसवाल ने बताया कि उनके बेटे ने सुबह उन्हें फोन किया था और वह बातचीत के दौरान अपने आंसू को रोक नहीं पाया था. उस दौरान मैं भी अपने आप पर काबू नहीं रख पाया और मेरे भी आंसू निकल गए.
भूपेंद्र जायसवाल ने हिंदुस्तान टाइम्स को बातचीत के दौरान बताया कि यशस्वी ने अपना शतक बनाने के बाद सुबह 4:30 बजे फोन किया. इस दौरान वह अपने आंसू को नहीं रोक सका. वह एक बहुत ही भावनात्मक क्षण था. इस दौरान मैं भी रोया था. वह लंबे समय तक बात नहीं कर सका. वह बहुत थका हुआ था. उसने मुझसे बस यही पूछा ‘क्या आप खुश हैं, पिताजी?”
जायसवाल के पिता ने आगे बताया कि वह अपने बेटे के प्रदर्शन से बेहद खुश हैं. उन्हें पता था कि उनके बेटे की मेहनत एक दिन जरूर रंग लाएगी.