शनिवार को क्रिकेटर युवराज सिंह को सोशल मीडिया पर बर्ष 2020 में अनुसूचित जाति के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में हांसी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के कुछ ही देर बाद युवराज को हाई कोर्ट के निर्देशानुसार औपचारिक बेल मिल गई. हांसी पुलिस के पीआरओ सुभाष कुमार ने बताया, ‘युवराज सिंह को कल गिरफ्तार किया गया था, डीएसपी विनोद शंकर ने युवराज सिंह से पूछताछ की है. उनका बयान दर्ज कर लिया गया हैं, युवराज सिंह के खिलाफ हांसी पुलिस अदालत में चालान पेश करेगी.’
मामले के शिकायतकर्ता रजत कलसन के मुताबिक हरियाणा पुलिस द्वारा पूरा वीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि हांसी पुलिस ने युवराज को हिसार स्थित पुलिस विभाग के गजेटेड ऑफिसर मैस में बैठाकर पूछताछ की है l
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान रोहित शर्मा के साथ युवराज सिंह एक इंस्टाग्राम लाइव में बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने दलितों के खिलाफ एक आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल युजवेंद्र चहल के लिये किया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, इसी के लेकर पिछले साल 2 जून को दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन ने हिसार के हांसी शहर थाने में मुकदमा दर्ज कराकर गिरफ्तारी की मांग की थी. युवराज के ऊपर आईपीसी की धारा 153, 153 A, 295, 505 के अलावा SC/ST एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं l
मामला बढ़ने के बाद युवराज ने सार्वजनिक रुप से ट्वीट कर माफी भी मांगी थी. उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘मैं ये साफ करना चाहता हूं कि मैं रंग, जाति या लिंग के आधार पर किसी तरह के भेदभाव में यकीन नहीं करता हूं. मैंने लोगों की भलाई में अपनी जिंदगी जी है और आगे भी ऐसा ही जीना चाहता हूं l
मैं हर व्यक्ति का सम्मान करता हूं. मैं समझता हूं कि मैं अपने दोस्तों से बात कर रहा था और उस समय मेरी बात को गलत तरीके से लिया गया, जो अनुचित था. फिर भी, एक जिम्मेदार भारतीय होने के नाते मैं कहना चाहता हूं कि अनजाने में अगर मेरी बातों से किसी को दुख पहुंचा है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं. देश और देश के लोगों से मेरा प्यार हमेशा रहेगा.’