विराट कोहली के टीम इंडिया की टेस्ट कप्तानी छोड़ने वाले दिन क्या हुआ था?

विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टेस्ट सीरीज 2-1 से हारने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम की टेस्ट कप्तानी छोड़ दी. विराट कोहली ने इस्तीफा दक्षिण अफ्रीका में तीसरा टेस्ट समाप्त होने के एक दिन बाद दिया था. उनके इस्तीफा देने के फैसले ने सबको चौंका दिया था. विराट कोहली ने टेस्ट हारने के तुरंत बाद ही कप्तानी छोड़ने के बारे में टीम के अपने साथियों को बताया था.

लेकिन अब जो बात सामने आया है कि उसके अनुसार अपने फैसले के बारे में विराट कोहली ने बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को भी बताया था. साथ ही दक्षिण अफ्रीका दौरे पर साथ गए सेलेक्टर अबय कुरुविला को भी इस बारे में बताया था. चयनकर्ता चाहते थे कि कोहली टेस्ट में कप्तान बने रहे. इसके बाद विराट कोहली ने बीसीसीआई प्रमुख सौरव गांगुली और सेक्रेटरी जय शाह से भी इस बारे में बात की थी.

अंग्रेजी मैगजीन दी वीक के अनुसार, विराट कोहली ने सौरव गांगुली से फोन पर कहा था कि वे सुबह उठने पर खुश और ताजा महसूस नहीं करते. इसलिए वह कप्तानी छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने यही बात चयनकर्ताओं से भी कही थी.

कोहली ने जब टेस्ट कप्तानी छोड़ने का निर्णय किया था तब मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने विराट कोहली को फोन किया था. लेकिन चेतन शर्मा और विराट कोहली बीच बात कम ही होती थी. जिसके कारण कोहली ने चेतन शर्मा के फोन को ज्यादा तवज्जो नहीं दी. पिछले कुछ महीनों से कोहली को महसूस हो रहा था कि बोर्ड और चयनकर्ता उन्हें सपोर्ट नहीं कर रहे. इस वजह से भी कोहली ने कप्तानी से अलग होने का निर्णय किया.

विराट कोहली ने जब अपने फैसले के बारे में ट्वीट किया था तब भी उन्होंने ऐसी ही बात कही थी. उन्होंने लिखा था- “मैं जो भी करता हूं उसमें 120 फीसदी योगदान देने में भरोसा करता हूं और यदि मैं ऐसा नहीं करता हूं तो मुझे पता है कि सही बात नहीं है. मेरे दिल में एकदम स्पष्टता है और मैं टीम के साथ बेईमान नहीं हो सकता.”

इस मामले पर बीसीसीआई के एक उच्च अधिकारी के हवाले से दी वीक ने लिखा, ‘जब उसने टी20 कप्तानी छोड़ी थी उस समय भी बोर्ड ने उसे ऐसा नहीं करने के लिए मनाने की कोशिश की थी. चेतन शर्मा ने टेस्ट टीम के चयन से पहले उन्हें बताया था कि चयनकर्ता सफेद गेंद की क्रिकेट में दो कप्तान नहीं चाहते. कोहली जब एक बार कुछ तय कर लेते हैं तब उन्हें मनाना बहुत मुश्किल होता है. वे जो सोच लेते हैं वही करते हैं. जब अनिल कुम्बले वाली घटना हुई थी तब भी ऐसा ही था. अब भी ऐसा ही हुआ.’

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