आईसीसी टी20 विश्व कप से भारत का सफर खत्म होने के साथ ही रवि शास्त्री का भी कार्यकाल भारतीय टीम से खत्म हो गया हैं. भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि कोरोना वायरस के दबाव से निपटने के लिए विराट कोहली टी20 के बाद अब वनडे की भी कप्तानी छोड़ सकते हैं.
‘इंडिया टुडे’ से बातचीत के दौरान विराट कोहली की कप्तानी के बारे में पूछे जाने पर रवि शास्त्री ने कहा कि वो बेहतर ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ के लिए दूसरे फॉर्मेट से भी लीडरशिप की जिम्मेदारी छोड़ सकते है. टेस्ट क्रिकेट में उनकी कप्तानी में भारत पिछले 5 साल से टॉप पोजीशन पर काबिज है. जब तक कोहली मानसिक रूप से फिट है तब तक कोहली टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी नहीं छोड़ना चाहेंगे.
कोहली बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए निकट भविष्य में कप्तानी छोड़ सकते हैं.’ रवि शास्त्री ने कहा, ‘यह तुरंत नहीं होगा, इसके लिए समय चाहिए लेकिन ऐसा हो सकता है. किंग कोहली कह सकते है कि अब सिर्फ टेस्ट कप्तानी करना चाहते है.’
रवि शास्त्री ने आगे कहा, ‘बहुत से कामयाब खिलाड़ियों ने अपनी बैटिंग पर ध्यान देने के लिए कप्तानी छोड़ दी है. उसमें खेल में कुछ अच्छा करने की भूख निश्चित रूप से है, इस बारे में कोई शक नहीं है कि वह टीम में सबसे ज्यादा फिट हैं. जब आप शारीरिक रूप से फिट होते हैं, तो खेल में आपकी उम्र बढ़ती है. मैं देखता हूं कि वह सफेद गेंद के क्रिकेट को न कह सकते हैं लेकिन लाल गेंद क्रिकेट में उसे खेल जारी रखना चाहिए. क्योंकि वह टेस्ट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ दूत रहे हैं. हलांकि कप्तानी के मामले में उनका ही फैसला होगा.’
रवि शास्त्री ने उम्मीद जताई है कि विराट कोहली के अलावा और भी बहुत से खिलाड़ी है जो बायो बबल की थकान से निपटने के लिए ब्रेक ले सकते हैं. उन्होंने कहा है कि ‘कोविड-19 के समय में अलग-अलग फार्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान की जरुरत होगी क्योंकि इससे खिलाड़ी पर दबाव कम होगा और खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे. मुझे लगता है कि आपको समय-समय पर खेल से आराम देने की जरूरत होगी.’
भारत के विश्व चैंपियन कप्तान कपिल देव ने खिलाड़ियों पर देश से ज्यादा आईपीएल को तरजीह देने के बारे में पूछे जाने पर शास्त्री ने कहा, ‘अप्रैल में आईपीएल के टलने के बाद बीसीसीआई के पास कोई विकल्प नहीं था. जहां तक कपिल देव की बात है तो वह आईपीएल के कार्यक्रम को लेकर सही है क्योंकि इससे खिलाड़ियों की थकान बढ़ी.’