भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री अपने आखिर मुकाबले के बाद आईसीसी और क्रिकेट बोर्ड्स से कहा है कि अगर खिलाड़ियों की मानसिक थकान पर ध्यान नहीं दिया तो इसका क्रिकेट पर बुरा असर पड़ सकता है।
बायो-बबल में होने वाली मानसिक थकान के चलते भविष्य में कई खिलाड़ी अंतराष्ट्रीय मुकाबलों से नाम वापस लेने लगेगें। यह बात सोमवार को नामीबिया के खिलाफ खेले गए आखिरी मुकाबले में भारत को मिली 9 विकेट की जीत के बाद प्रेस कॉफ्रेंस में कही।
भारतीय टीम आईसीसी टी-20 विश्व कप 2021 के सेमीफाइनल में क्वालीफाई नहीं कर पाई। पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि पिछले 6 महीने से बायो-बबल में रहने के कारण टीम इंडिया के खिलाड़ी मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं।
उन्होंने आगे कहा, “ मैं कोई बहाना नहीं बना रहा, हम पिछले 6 महीने से बायो-बबल में रह रहे हैं। आईपीएल और विश्व कप के बीच में हमें ज्यादा समय मिलना चाहिए था। यह सभी खिलाड़ी इंसान है, ये पेट्रोल पर नहीं चलते।”
शास्त्री ने आगे कहा, “ भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो तीनों फॉर्मेट खेलते हैं, पिछले 24 महीनों में वह सिर्फ 25 दिन घर में रहे हैं। मुझे फर्क नहीं पड़ता की आप कौन हो, लेकिन अगर आपका नाम ब्रैडमैन है और आप बायो-बबल में हैं, तो आपकी औसत भी नीचे जाएगी। क्योंकि आप एक इंसान हैं।