कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच सीजन 15 का 61वां मैच महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम पुणे में खेला जा रहा है. इस मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए मध्यम क्रम के बल्लेबाजों के बदौलत 6 विकेट पर 177 रन बनाए है. इस मुकाबले में एक बार फिर बवाल देखने को मिला है.
इस मैच में मैदानी अंपायर के द्वारा रिंकू सिंह को डीआरएस लेने से मना करने के बाद काफी विवाद खड़ा हो गया है. जब अंपायर ने रिंकू सिंह को डीआरएस लेने से मना कर दिया तब रिंकू सिंह ने भी मैदान से बाहर जाने के लिए मना कर दिया. कोलकाता नाइट राइडर्स की पारी के दौरान रिंकू सिंह के विकेट को लेकर काफी बवाल खड़ा हो गया है अंपायर के फैसले से नाराज होकर रिंकू सिंह मैदान से बाहर जाने को राजी नहीं हो रहे थे.
बाद में केकेआर के कप्तान श्रेयस अय्यर भी मामला को समझने के लिए मैदान पर आ गए हैं. यह घटना केकेआर की पारी के 12वें ओवर के दौरान की है. जब केकेआर के बल्लेबाज रिंकू सिंह बल्लेबाजी कर रहे थे और एसआरएच के युवा गेंदबाज टी नटराजन गेंदबाजी कर रहे थे. इस ओवर की तीसरी गेंद टी नटराजन की सीधा रिंकू सिंह के पैरों पर जाकर लगी. इसके बाद गेंदबाज ने जोरदार अपील की और मैदानी अंपायर ने कुछ देर सोचने के बाद आउट करार दे दिया.
इस बीच रिंकू सिंह अंपायर के फैसले से कितने आश्चर्यचकित रह गए कि उन्हें डीआरएस लेने का होश ही नहीं रहा और जब होश आया तो 15 सेकंड का समय समाप्त हो चुका था. इस मैच में नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़े उनके साथी बल्लेबाज सैम बिलिंग्स ने अंपायर से डीआरएस लेने की अपील की. लेकिन नियम के अनुसार जो बल्लेबाज आउट होता है उसे ही डीआरएस के लिए अपील करना होता है. इसलिए सैम बिलिंग्स का अपील नहीं माना गया.
इसके बाद रिंकू सिंह ने जब डीआरएस के लिए अपील किया तो 15 सेकंड का समय समाप्त हो चुका था. जिसके कारण अंपायर ने रिंकू सिंह का डीआरएस नहीं माना. इस विवाद के बीच केकेआर के कप्तान केन विलियमसन भी मैदान पर आ गए और उन्होंने सैम बिलिंग्स से इस बारे में बातचीत की. अंपायर के बार बार समझाने के बाद रिंकू सिंह मैदान से जाने के लिए राजी हुए.
बाद में जब रीप्ले दिखाया गया तो पता चला कि रिंकू सिंह आउट थे. अगर उनका डीआरएस अंपायर मान भी लेते तो भी वह आउट कर दिए जाते हैं. आईपीएल के इस सीजन में कई बार ऐसी घटना देखने को मिली है. जब या तो अंपायर के फैसले पर सवाल खड़े किए गए हैं या अंपायर का फैसला गलत साबित हुआ है. लेकिन इस विवाद ने एक और बहस को जरूर जन्म दे दिया है.