भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट को एक अलग ही मुकाम पर पहुंचाया है. धोनी के बारे में कहा जाता है कि वह किसी का फोन नहीं उठाते है. कई बार तो अपने टीम के करीबी साथी और यहां तक की बीसीसीआई के अधिकारी भी उससे बात नहीं कर पाते थे.
धोनी फोन अपने ईगो की वजह से नहीं उठाते थे वह इसलिए नहीं उठाते थे ताकि मैदान पर और मैदान के बाहर एक बैलेंस बना कर चल सकें. धोनी के इस रवैया पर वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया है कि अंततः बीसीसीआई को भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को एक “स्पेशल फोन” देना पड़ा ताकि उनके कॉल को टाल ना सके. पिछले साल क्रिकबज को दिए इंटरव्यू में वीरेंद्र सहवाग ने बताया था कि जब धोनी फोन नहीं उठाते थे तब कैसे बीसीसीआई सचिव को धोनी को अलग से फोन देना पड़ा था. इस नंबर की जानकारी बीसीसीआई के अधिकारी और कप्तान को ही था ताकि चयनकर्ता और अधिकारी उनसे बात कर सकें.
सहवाग ने बताया कि एक बार ऐसा हुआ था जब बीसीसीआई सचिन ने धोनी को फोन लगाया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. सहवाग में आगे बताया कि जब बीसीसीआई सचिव अगली बार धोनी से मिले तो उन्होंने सोनी को एक स्पेशल फोन दिया और कहा कि ‘जब जब इस फोन का रिंग बजे तब तुम्हें यह फोन उठाना पड़ेगा’.
उस समय टीम के चयन के लिए बोर्ड मीटिंग होती थी और भारतीय कप्तान होने के नाते एम एस धोनी को मीटिंग में रहना जरूरी था या फोन से बात कर करना जरूरी होता था. उसी समय से धोनी के पास बीसीसीआई के द्वारा दिया गया फोन रहता था. मुझे यह नहीं मालूम कि वह फोन अभी भी धोनी के पास है. मुझे इतना पता है की धोनी का एक पर्सनल नंबर भी है. महेंद्र सिंह धोनी के फोन ना उठाने की आदत का खुलासा विस्फोटक बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने भी अपने रिटायरमेंट के समय मीडिया से बातचीत करते हुए 2012 में किया था.
धोनी ने अपनी कप्तानी में 60 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से 27 में जीत, 18 में हार और 15 मैच ड्रॉ हुए हैं. धोनी ने 200 एक दिवसीय मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की है. जिसमें से 110 मैचों में जीत, 74 मैचों में हार, 5 मैच टाई और 11 मैचों का रिजल्ट नहीं निकला. इसके अलावा एम एस धोनी ने 72 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भी टीम की कमान संभाली है. जिसमें से 41 में जीत, 28 में हार, एक मैच टाई और दो मैचों का रिजल्ट नहीं निकल सका.
भारतीय टीम के धोनी इकलौते ऐसे कप्तान है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में ट्रॉफी अपने नाम की है. उन्होंने 2007 में टी-20 विश्वकप, 2011 में विश्वकप और 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की है.