महेंद्र सिंह धोनी पर नरमी, लेकिन ऋषभ पंत पर सजा मे सख्ती क्यों ?

दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच आईपीएल 2022 का 34वां मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शुक्रवार 22 अप्रैल को खेला गया था. इस रोमांचक मुकाबले का अंत काफी विवादास्पद तरीके से हुआ है. जिसके कारण यह मैच इस समय काफी चर्चा में हैं. दिल्ली कैपिटल्स की पारी के आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर नो-बॉल के कारण विवाद हो गया था.

राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज ओबेड मेकॉय दिल्ली कैपिटल्स की पारी के आखरी ओवर की तीसरी गेंद फुलटॉस डाली थी. जो कमर के आस-पास की ऊंचाई पर थी. इस गेंद को दिल्ली कैपिटल्स के बल्लेबाज रोवमेन पॉवेल ने 6 रनों के लिए बाउंड्री से बाहर भेज दिया था. इस गेंद को मैदानी अंपायर ने नो-बॉल नहीं दिया. जिसके बाद दिल्ली कैपिटल के कप्तान सहित सभी खिलाड़ियों ने कहा कि यह गेंद कमर से ऊपर था, इसलिए इस बॉल को नो-बॉल देने के लिए अंपायर से मांग करने लगे और तीसरे अंपायर से मदद लेने को कहा. जिसे अंपायर ने ठुकड़ा दिया. इसके बाद दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत काफी नाराज हो गए.

इसके बाद ऋषभ पंत ने बल्लेबाजी कर रहे रोवमेन पॉवेल और कुलदीप यादव को वापस आने का इशारा कर दिया. इस बीच टीम के सहायक कोच शेन वाटसन ने पंत से बात किया. इसके बाद पंत ने अपने बल्लेबाजों को वापस नहीं बुलाया. इधर पंत बाउंड्री लाइन के बाहर चौथे अंपायर से भी बहस कर रहे थे. ऋषभ पंत ने जो किया उसके लिए पंत को मैथ का 100% मैच फीस का जुर्माना लगाया गया है.

आईपीएल 2019 में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच जयपुर में मैच खेला गया था. उस मैच में भी कुछ इसी तरह की घटना हो गई थी. इस मैच में भी आखरी ओवर में नो-बॉल को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई थी. इस मैच में भी राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाज बेन स्टोक्स ने फुलटॉस गेंद फेंकी थी. जिसे अंपायर ने नो-बॉल करार दिया था. लेकिन इसके बाद लेग अंपायर ने कहा कि यह गेंद सही है और फैसला बदल दिया गया. उस समय सीएसके के बल्लेबाज रविंद्र जडेजा और मिचेल सैंटनर क्रीज पर बल्लेबाजी कर रहे थे. उन दोनों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी और अंपायर से बात भी की थी. उस समय सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी डगआउट से निकलकर मैदान पर आ गए और अंपायर से बहस करने लगे.

धोनी को इसकी सजा भी मिली थी. धोनी को मैच फीस का 50% जुर्माना लगाया गया था. जबकि धोनी मैदान के अंदर जाकर अंपायर से बात कर रहे थे और पंत मैदान के बाहर अंपायर से बहस कर रहे थे. फिर भी पंत को ज्यादा जुर्माना लगाया गया है. पंत के साथ बाउंड्री के बाहर चौथे अंपायर से गेंदबाज शार्दुल ठाकुर भी बहस कर रहे थे. उसे भी मैच फीस का 50% जुर्माना लगाया गया है. जबकि धोनी जैसा काम करने वाले यानी मैदान पर जाकर बहस करने वाले दिल्ली के सहायक कोच प्रवीण आमरे को मैच फीस का 100% जुर्माना और एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया है.

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