विश्व क्रिकेट के इतिहास में जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच मैच हुआ है. तब प्रशंसकों को कभी भी ड्रामे की कमी नहीं नजर आई है. कई बार तो कई ऐसे रोमांचक पल भी आते हैं. जिसमें हाई वोल्टेज ड्रामा और दबाव देखने को मिलता है. पिछले एक दशक से भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत कम मुकाबले हुए हैं. लेकिन एक समय ऐसा था जब भारत और पाकिस्तान के बीच अक्सर मुकाबले होते रहते थे और इसे पूरी दुनिया की एक नंबर की प्रतिद्वंदी टीमें मानी जाती थी.
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज देखने को नहीं मिलती है. अब भारत और पाकिस्तान के बीच केवल बहुराष्ट्रीय सीरीज ही होती है. लेकिन जब भी आईसीसी टूर्नामेंट के दौरान दोनों का आमना सामना होता है. इसका रोमांच अपने चरम पर होता है और क्रिकेट के इतिहास में भारत और पाकिस्तान के बीच के पुराने लम्हे याद आने लगते हैं.
विश्व कप के मैचों में भारत का पाकिस्तान के खिलाफ काफी बढ़िया रिकॉर्ड रहा है. इसमें भारत ने पाकिस्तान पर 12 बार जीत हासिल की है. लेकिन टी20 विश्व कप 2021 में पहली बार पाकिस्तान ने भारत को मात दिया था. विश्व कप में खेले जाने वाले भारत और पाकिस्तान के बीच मैच देखने का अलग ही रोमांच होता है. मोहाली में खेले गए 2011 विश्व कप सेमी फाइनल के मैच में भारत ने पाकिस्तान को हराकर फाइनल में प्रवेश किया था और श्रीलंका को हराकर 2011 विश्व कप अपनी झोली में डाल लिया था. 2007 टी20 विश्व कप का फाइनल मैच मैं रोमांच किसी भी मामले में कम नहीं था लेकिन 2011 विश्व कप का रोमांच भी किसी मामले में कम नहीं था.
2011 विश्वकप सेमीफाइनल में पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 260 रनों का लक्ष्य दिया था. लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम का स्कोर एक समय 4 विकेट पर 168 रन ही था. इसके बाद हरभजन सिंह ने आकर उमर अकमल का विकेट लिया. जिसके बाद पाकिस्तान का विकेट एक के बाद एक ढेर होती चली गई और भारत ने जीत हासिल की.
पैडी ऑप्टन के पोडकास्ट ‘लेसन्स फ्रॉम द वर्लड्स बेस्ट’ में बात करते हुए हरभजन सिंह ने उस सेमीफाइनल मैच के बारे में बताया कि ड्रिंक्स ब्रेक के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने उनको गेंदबाजी के लिए बुलाया लेकिन मैच के दबाव के कारण हरभजन सिंह घबरा रहे थे.
हरभजन सिंह ने आगे बताया मेरे कैरियर के कुछ ऐसे लम्हे हुए हैं जब मैं तनाव में हो गया था और घबरा रहा था. भारत और पाकिस्तान के बीच मोहाली में खेले गए सेमीफाइनल में मुझे दूसरे स्पैल में गेंदबाजी के लिए बुलाया गया था. सच कहूं तो मैं उस समय कांप गया था. मैं उस समय बहुत ज्यादा डरा हुआ था लेकिन मैं सभी को दिखाना चाहता था कि मुझ पर कितना दबाव है. मैच के उसे स्टेज पर पाकिस्तानी बल्लेबाज अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे.
यह पहली बार नहीं हुआ था कि जब धोनी ने हरभजन सिंह को मुश्किल ओवर में गेंदबाजी के लिए बुलाया हो. रिपोर्ट के अनुसार टी-20 विश्व कप 2007 के जोहांसबर्ग फाइनल में भी धोनी ने हरभजन सिंह को आखिरी ओवर में गेंदबाजी के लिए बुलाया था. लेकिन वह खुद अपने पर ज्यादा विश्वास नहीं जाता पाए थे जिसके कारण जोगिंदर शर्मा को गेंदबाजी के लिए बुलाया और प्रशंसकों को ऐतिहासिक जीत का नजारा देखने को मिला. हालांकि जब पाकिस्तान के खिलाफ एमएस धोनी ने उन्हें गेंदबाजी करने के लिए कहा तो उन्होंने अपने पर संयम रखते हुए ध्यान से गेंदबाजी की जिसका फायदा टीम को मिला और दूसरी स्पेल की पहली गेंद पर उसे विकेट मिल गई.
हरभजन सिंह ने आगे बताया कि आपको खुद को शांत रखना होगा और आपको यह भी सोचना होगा कि यह आप पहले भी कर चुके हैं. आप कई सालों से इसी लम्हे के लिए कड़ी मेहनत करते हुए आ रहे हैं. खुद पर बने दबाव को किनारे रखकर ध्यान से वही कीजिए जो आप सबसे अच्छा कर सकते हैं. मुझे पहले ही गेंद पर विकेट मिल गए इससे मेरा आत्मविश्वास और ज्यादा बढ़ गया और मेरा दबाव पहले से कम हो गया और मैं शांत हो गया.