साल 2007 में ही खत्म हो जाता सहवाग का करियर, इस शख्स ने दिया मौका

भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट मैच में दो बार तिहरा शतक लगाने वाले बेहतरीन बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का करियर 2007 में ही खत्म हो जाता, लेकिन एक व्यक्ति ने ऐसा होने से बचा लिया l जिसके बाद वीरेंद्र सहवाग ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, दरअसल 2007 में वीरेंद्र सहवाग को उनके खराब फॉर्म के कारण भारतीय टीम से बाहर निकाल दिया गया था। इनको अपने खराब फॉर्म के कारण 1 साल तक भारतीय टीम से बाहर रहना पड़ा।

जिसके बाद वीरेंद्र सहवाग को एक व्यक्ति ने उनका कैरियर खत्म होने से बचाया था l 2008 में अनिल कुंबले ने वीरेंद्र सहवाग को भारतीय टीम में वापसी करवाई थी। वीरेंद्र सहवाग ने उस समय के बारे में बातचीत करते हुए बताया कि मुझे अचानक पता चला कि मैं अब भारतीय टीम का हिस्सा नहीं रहा l वीरेंद्र सहवाग ने स्पोर्ट्स 18 के होम ऑफ हीरोज शो में कहा कि 2007 में मुझे अचानक पता चला कि मैं अब भारतीय टीम का हिस्सा नहीं रहा l अगर उस टाइम मुझे टीम से अलग नहीं किया गया होता तो मैं टेस्ट क्रिकेट में अपना 10,000 रन पूरा कर चुका होता।

वीरेंद्र सहवाग ने बताया कि 2007 में टीम इंडिया के तत्कालीन कप्तान अनिल कुंबले ने उनका कैरियर खत्म होते देख कर उन्हें ऐसा होने से बचा लिया। 2007 से 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा टेस्ट मैच पर्थ खेले जाने वाला था। और वीरेंद्र सहवाग से पहले टीम इंडिया कैनबेरा गई जहां पर प्रैक्टिस मैच खेला जाना था l

वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि टीम इंडिया के तत्कालीन कप्तान अनिल कुंबले ने उनसे कहा था कि तुम इस मैच में अर्धशतक बनाओ और तुम्हें पर्थ टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया में चुना जाएगा। जिसके बाद वीरेंद्र सहवाग ने प्रैक्टिस मैच में लंच ब्रेक होने से पहले ही शतक लगा दिया था। जिसके बाद वीरेंद्र सहवाग को पर्थ टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया। वीरेंद्र सहवाग ने उस शो के दौरान कहा कि अनिल कुंबले ने उनसे वादा किया था कि जब तक मैं टेस्ट मैच का कप्तान हूं तब तक तुम टेस्ट मैच से बाहर नहीं होगे।

इसके बाद वीरेंद्र सहवाग को 2007 से 2008 के दौरे पर पर्थ टेस्ट मैच में प्लेइंग इलेवन शामिल किया गया l वीरेंद्र सहवाग ने इस मैच में 63 रन की पारी खेली। उस मैच के दौरान वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि वह 60 रन मेरे जिंदगी का सबसे मुश्किल रन था। मैं अनिल भाई द्वारा मुझ में दिखाए गए भरोसे को सही साबित करने के लिए मैं खेल रहा था। मैं नहीं चाहता था कि कोई भी अनिल भाई पर मुझे आस्ट्रेलिया ले जाने के बारे में सवाल उठाए।

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