2 दिन पहले यानी कि 2 अप्रैल को भारतीय मैंडसौर क्रिकेटर्स ने 2011 वर्ल्ड कप के जीत कारवां जश्न धूमधाम से मनाया। हालांकि, एक दिन बाद ही भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने अपना दर्द बयां किया है। रोहित शर्मा वही खिलाड़ी हैं, जिसे भारत के होने वाले 2011 वर्ल्ड कप में शामिल नहीं किया गया था। आपको बता दें कि दूसरा वर्ल्ड कप में श्रीलंका को हराकर भारत ने ट्रॉफी अपने नाम कर ली थी उसमें भी रोहित शर्मा ने अपना जगह नहीं बना पाए थे।
रोहित शर्मा ने उस बदकिस्मती को याद करते हुए यह बताया कि उन्होंने इसके कारण 1 महीने तक डिप्रेशन में चलने के बाद इस परिस्थिति को कैसे निपटा। जिस समय वर्ल्ड कप के लिए ऐलान किया गया था उस समय रोहित शर्मा दक्षिण अफ्रीका में थे और उनके पास बात करने के लिए कोई भी नहीं था। रोहित ने ये सारा खुलासा भारतीय महिला युवा खिलाड़ी जेमिमा रोड्रिग्स के साथ बातचीत के दौरान किया है।
रोहित शर्मा ने कहा कि यह इतना आसान नहीं है अगर मैं ईमानदारी से कहूं तो यह बहुत ही मुश्किल है वर्ल्ड कप में खेलना और वर्ल्ड कप का हिस्सा बनना यह बहुत ही मुश्किल काम है। जिसका आप हमेशा सपना देखते हैं। और साथ ही, टीम की सफलता में योगदान देना भी चाहते हैं। मुझे अब भी याद है कि मैं उस समय दक्षिण अफ्रीका में था और जब हमें खबर मिली तो हम सीरीज खेल रहे थे। मेरे पास इस बारे में बात करने वाला कोई नहीं था। उस समय मैं अपने कमरे में बैठकर यह सोच रहा था कि क्या गलत हुआ और मैं अब क्या कर सकता हूं।
रोहित शर्मा ने आगे कहा कि लेकिन मुझे लगता है यह महत्वपूर्ण है उस समय यह हुआ हम अभी 10 साल बाद इस बारे में बात कर रहे हैं और मैं उस समय केवल 23 या 24 साल का था इसलिए इसलिए मुझे पता था कि मेरे अंदर बहुत सारी काबिलियत बची हुई है और यह दुनिया का अंत नहीं है और मेरे लिए इसमें वापसी करना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण था जो हुआ वह हो गया आप इसमें कुछ नहीं बदल सकते जिसके कारण मैं एक महीना तक डिप्रेशन में था और किसी से भी बात नहीं कर रहा था