रजत पाटीदार का घुटना टूटने के बाद घरवालों ने कहा छोड़ दो क्रिकेट

लखनऊ सुपरजाइंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच टाटा आईपीएल 2022 का एलिमिनेटर मैच कोलकाता के ईडन गार्डन में बुधवार 25 मई को खेला गया था. इस मैच में आरसीबी के बल्लेबाज रजत पाटीदार के नाबाद 112 रनों की बदौलत आरसीबी ने 208 रनों का लक्ष्य एलएसजी को दिया था. लक्ष्य का पीछा करने उतरी एलएसजी की टीम लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई और आरसीबी यह मैच 14 रनों से जीत गया था. आरसीबी की जीत के असली हीरो रजत पाटीदार है. जिन्होंने 54 गेंदों पर 12 चौके और 7 छक्के की मदद से नाबाद 112 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी. इस मैच में शतक लगाकर रजत पाटीदार ने आईपीएल के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिख दिया है.

रजत पाटीदार की जिंदगी टर्न और ट्विस्ट से भरी पड़ी है. आईपीएल 2022 के मेगा ऑक्शन में रजत पाटीदार का बेस प्राइस महज 20 लाख रुपए था. इसके बावजूद किसी टीम ने उसको खरीदने में रुचि नहीं दिखाई. रजत पाटीदार इस आईपीएल सीजन में खेलेंगे इसकी उम्मीद न के बराबर थी. लेकिन एक कहावत है ‘किस्मत मेहरबान तो गधा पहलवान’. रजत पाटीदार के साथ भी ऐसा ही हुआ उसकी किस्मत ने करवट बदली और आरसीबी की टीम ने लवनीत सिसोदिया के रिप्लेसमेंट के तौर पर रजत पाटीदार को 20 लाख रुपए की बेस प्राइस पर टीम में शामिल कर लिया. इसके बाद जो कुछ भी हुआ उससे आप सभी लोग वाकिफ है.

रजत पाटीदार क्रिकेटर कैसे बने इसके पीछे की कहानी शायद आप लोग नहीं जानते होंगे. आइए इस आर्टिकल के माध्यम से उसके क्रिकेटर बनने की कहानी आप लोगों के साथ साझा कर रहे हैं. रजत पाटीदार अपने कैरियर की शुरुआत में तेज गेंदबाज बनना चाहते थे लेकिन उसके बाद स्पिन गेंदबाजी में हाथ आजमाना शुरू कर दिया. लेकिन अंततः वह एक सफल बल्लेबाज बन गए. 18 साल की उम्र तक रजत पाटीदार को किसी भी क्रिकेट मैच में मौका नहीं मिला. यहां तक की एज ग्रुप क्रिकेट में भी नहीं खेल पाए.

रजत पाटीदार को बचपन से फुटबॉल खेलने का शौक था. लेकिन 2014 में घुटने में चोट लगने के बाद उसकी सर्जरी हुई थी. इसके बाद रजत पाटीदार को पूरे 8 महीने तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. जैसा कि हर घर में होता है वैसा ही रजत पाटीदार के साथ भी होने लगा. घरवालों ने क्रिकेट छोड़कर पढ़ाई पूरी करने पर जोर देने लगा और व्यवसाय करने के लिए दबाव देने लगा. लेकिन रजत पाटीदार यहाँ पर अड़ गए और उन्होंने चेतेश्वर पुजारा की कहानी अपने घर वालों को बताई. जिसके दोनों घुटनों की सर्जरी होने के बाद भी क्रिकेट खेल रहे थे.

उन्होंने कहा कि जब पुजारा दोनों घुटनों की सर्जरी के बाद क्रिकेट खेल सकते हैं तो मैं क्यों नहीं? रजत पाटीदार को क्रिकेट खेलने की प्रेरणा पुजारा से मिली. रजत पाटीदार ने सर्जरी के 18 महीने बाद मध्य प्रदेश टीम के लिए टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज के रूप में रणजी में अपना डेब्यू किया था. इस मैच में बड़ौदा के खिलाफ रजत पाटीदार ने पहली पारी में 60 रन और दूसरी पारी में 100 रन बनाए थे. इसके बाद रजत पाटीदार ने डोमेस्टिक क्रिकेट में कई शानदार पारियां खेली और अपने मेहनत के बदौलत इस मुकाम पर पहुंचे.

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