आईपीएल में पहली बार शामिल होने वाली अहमदाबाद टीम की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। आईपीएल में भाग लेने वाली पुरानी सभी आठ टीमों ने रिटेन की गयी खिलाड़ियों की लिस्ट बीसीसीआई को सौंप दी है और अब सभी टीमें मेगा ऑक्शन से पहले अपने खिलाड़ियों की नई टीम बनाने की योजना बना रही हैं, लेकिन अहमदाबाद टीम की सभी योजनाओं पर पानी फिर गया है।
अहमदाबाद पहली बार आईपीएल में भाग लेगी और उसे अपनी टीम तैयार करनी है। लेकिन अब उसके अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है। अभी तक आईपीएल में आठ टीमें हीं खेलती थीं लेकिन लखनऊ और अहमदाबाद की टीमों के शामिल हो जाने से अब इनकी संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
बताया जा रहा है कि बीसीसीआई की ओर से अभी तक इस टीम के लिए इसके मालिकों को लैटर ऑफ इंटेंट नहीं दिया गया है। जिसके कारण यह टीम अभी किसी खिलाड़ी से बात भी नहीं कर पा रही है। बीसीसीआई की नयी रिटेंशन नियम के अनुसार आईपीएल की सभी आठ टीमें जब अपनी रिटेंशन लिस्ट जारी कर देंगी, उसके बाद दो नई टीमें तीन खिलाड़ियों को ले सकती हैं।
इसमें दो भारतीय और एक विदेशी खिलाड़ी हो सकता है। जबकि आईपीएल की सभी आठ टीमें 30 नवम्बर को ही रिटेंशन लिस्ट बीसीसीआई को सौंप चुकी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीवीसी कैपिटल्स के पैसे एक ऐसी कंपनी में लगे हैं जहां पर सट्टेबाजी होती है। मालूम हो कि आईपीएल में शामिल होने वाली अहमदाबाद टीम को सीवीसी कैपिटल्स नामक कंपनी ने 5625 करोड़ रूपये में खरीदा है।
सीवीसी कैपिटल मालिकों की ओर से जारी बयानों के मुताबिक 2014 में ब्रिटेन के स्काई बेटिंग और गेमिंग में नियंत्रण हिस्सेदारी लेने के बाद 2016 में माल्टा-मुख्यालय सट्टेबाजी ऑपरेटरों टिपिको में बहुमत हिस्सेदारी हासिल की, जिसका जर्मनी में भी बड़ा आधार है। सट्टेबाजी उन क्षेत्रों में कानूनी रुप से वैध है। इनमें से किसी भी संस्था का भारत में उस जगह व्यवसाय नहीं चलता, जहां सट्टेबाजी अवैध है।
कंपनी बीसीसीआई अधिकारियों को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि ब्रिटेन की सट्टेबाजी फर्म में उसका निवेश अवैध नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि बीसीसीआई जल्द ही अहमदाबाद की टीम को लैटर ऑफ इंटेंट दे देगा। इसके बाद आईपीएल में ऑफिशियली दस टीमें हो जाएंगी और इसके बाद अहमदाबाद टीम भी खिलाड़ियों से सम्पर्क कर उन्हें मेगा ऑक्शन से पहले ही खरीद सकती है।