भारतीय टीम के इस खिलाड़ी का खत्म हुआ करियर? टीम में वापसी हुई बेहद मुश्किल

‘चाइनामैन बॉलर’ के नाम से विख्यात स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव को एक समय भारतीय टीम की सबसे मजबूत कड़ी माना जाता था. टी20 विश्व कप 2021 के साथ ही कुलदीप यादव की न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 और टेस्ट सीरीज में भी अनदेखी हुई है. जब से महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लिया है, तब से कुलदीप की गेंदबाजी की धार कुंद पड़ गई.

कुलदीप यादव ने भारतीय टीम के लिए 23 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 14.21 की औसत और 7.15 की इकॉनोमी रेट से 41 विकेट लिये है. उन्होंने 45 आईपीएल मुकाबले भी खेले हैं जिनमें उनके 40 विकेट हैं. कुलदीप ने 65 वनडे में 107 विकेट झटके हैं. टी20 फॉर्मेट में उनका इकनॉमी रेट भी 8 से कम है. 

उनका बेस्ट बॉलिंग 5/24 रहा है जो इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में साल 2018 में हासिल किया था. यह आंकड़ा कुलदीप यादव की प्रतिभा का आकलन करने के लिये काफी हैं. कुलदीप यादव में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. कुलदीप यादव एक खास तरह की गेंदबाजी करने के लिए जाने जाते हैं जिसे ‘चाइनामैन बॉलिंग’ कहा जाता है. इसमें बाएं हाथ का स्पिनर गेंद को उंगलियों की बजाय कलाई से स्पिन कराता है.

कुलदीप ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वह कैसे मैदान के भीतर और बाहर महेंद्र सिंह धोनी की सलाह को मिस करते हैं. कुलदीप ने बताया था कि ‘मुझे कभी-कभी उनकी सलाह की काफी कमी महसूस होती है. उनके पास काफी अनुभव था. वह विकेट के पीछे से हमें गाइड करते थे.’ विकेट के पीछे से धोनी की सलाह उनके बहुत काम आती थी.

भारतीय टीम के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत में कुलदीप यादव ने कहा था, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा कि टीम मुझसे क्या चाहती है. केवल दो महीने के प्रदर्शन के आधार पर अगर विश्व कप टीम चयनित होगी तो खिलाड़ी के रूप में ये समझ पाना मुश्किल होता है. भारतीय टीम के खिलाड़ियों को बताया जाता है कि उन्हें क्यों मौका नहीं दिया जा रहा है, लेकिन यह आईपीएल फ्रेंचाइजी में नहीं होता है.’

कुलदीप यादव ने बताया कि केकेआर टीम मुझे लगातार नजरअंदाज कर रही है. मुझसे ज्यादा वरुण चक्रवर्ती को वरीयता दी. कुलदीप कई आईपीएल मैच से बाहर रहे हैं. कुलदीप ने कहा कि जब संवाद कमजोर हो तो कई बार आपको यह पता ही नहीं होता कि आप खेल भी रहे हैं या नहीं या फिर टीम आपसे क्या चाहती है. 

बता दें कि कुलदीप यादव की वजह से मार्च 2017 में धर्मशाला टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर कप्तान कोहली और पूर्व कोच कुंबले के बीच अनबन हुई थी. सीरीज के तीसरे टेस्ट में कुंबले कुलदीप यादव को टीम में शामिल करना चाहते थे, लेकिन कोहली ने साफ इंकार कर दिया.

धर्मशाला टेस्ट में विराट कोहली के चोट के कारण अजिंक्य रहाणे टीम के कप्तान थे. इस मैच में कुलदीप यादव को मौका दिया गया था, लेकिन कोहली इसके खिलाफ थे, इसके अलावा विराट कोहली पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ग्रेड-ए में शामिल किए जाने से भी खफा थे.

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