टाटा आईपीएल 2022 का एलिमिनेटर मैच कोलकाता के ईडन गार्डन में लखनऊ सुपरजाइंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच खेला जा रहा है. इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी आरसीबी की टीम ने रजत पाटीदार के नाबाद 112 रनों के बदौलत लखनऊ सुपरजाइंट्स को 208 रनों का लक्ष्य दिया है. इस मैच के दौरान लखनऊ सुपरजाइंट्स के कप्तान के एल राहुल और कुणाल पांड्या को नो बॉल के लिए मैदानी अंपायर को हरकाते हुए देखा गया है.
इस दौरान दोनों खिलाड़ी काफी देर तक मैदानी अंपायर से बहस बाजी करते हुए नजर आए. आरसीबी की पारी के 12वें ओवर की शुरुआत में ही कुणाल पांड्या और केएल राहुल अंपायर से बहस बाजी करते हुए दिखाई दिए. आरसीबी के इन-फॉर्म बल्लेबाज रजत पाटीदार के खिलाफ एलएसजी के गेंदबाज दुष्यंत चमीरा घिसे-पिटे अंदाज में गेंदबाजी कर रहे थे.
इस दौरान दुष्यंत चमीरा ने रजत पाटीदार को फुल लेंथ गेंद करने के प्रयास में फुल टॉस गेंद फेंक दी. जो बल्लेबाज के कमर से ऊपर जाती हुई दिखाई दे रही थी. इस गेंद को स्टैंडिंग अंपायर ने नो बॉल करार दे दिया. इस समय कुणाल पांड्या और केएल राहुल 30 गज के दायरे में फील्डिंग कर रहे थे. अंपायर के नो बॉल करार दिए जाने के कुछ ही सेकंड बाद दोनों अंपायर जयरामन मदनगोपाल के पास जाते हुए और बहस करते हुए दिखाई दिये. कप्तान केएल राहुल और कुणाल पांड्या अंपायर से यह जानने का प्रयास कर रहे थे कि इस गेंद को नो बॉल क्यों करार दिया गया.
यह फैसला वास्तव में माइकल गॉफ का था और माइकल गॉफ ने केएल राहुल और कुणाल पांड्या को बताया कि यह फैसला उनका था और भारतीय साथी अंपायर ने केवल उसकी पुष्टि की थी. इसके बाद मामला यहीं सलट गया और कप्तान केएल राहुल ने यह आश्वासन दिया कि कुणाल पांड्या और टीम के साथी खिलाड़ियों इस पर बवाल खड़ा नहीं करेंगे.