‘जिस दिन अगर ऐसा हुआ उसी दिन क्रिकेट से ले लूंगा संन्यास’

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली का प्रदर्शन पिछले दो सालों से लगातार खराब होता जा रहा है इसका असर आईपीएल 2022 के दौरान भी नजर आ रहा है आरसीबी के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने आईपीएल 2022 के 14 मैचों में दो अर्धशतकीय पारी की मदद से 309 रन बनाए हैं. यह दोनों अर्द्धशतक विराट कोहली ने पिछले दोनों मैचों में लगाए हैं. इसे देख कर तो ऐसा लगता है कि विराट कोहली अपने फॉर्म में वापस आ रहे हैं.

आईपीएल 2022 को छोड़ दिया जाए तो अपने पुरे आईपीएल कैरियर में सिर्फ तीन बार विराट कोहली गोल्डन डक का शिकार हुए थे. लेकिन विराट कोहली आईपीएल 2022 में पहली बार एक सीजन के तीन मैचों में गोल्डन डक का शिकार हुए हैं. कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि लगातार क्रिकेट खेलने की वजह से विराट कोहली मानसिक रूप से थक चुके हैं. इसलिए अब उन्हें आराम करना चाहिए. वही कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि विराट कोहली को अपने फॉर्म में वापस आने के लिए लगातार खेलते रहना चाहिए. इस सबके बीच विराट कोहली ने खुद अपने खराब फॉर्म को लेकर चुप्पी तोड़ी है.

विराट कोहली ने स्टार स्पोर्ट्स के शो इनसाइड आरसीबी में बात करते हुए बताया कि ‘इस समय मेरे अनुभव ही मेरे लिए खास है. जो भी अनुभव मैंने इस समय या इससे पहले किया था. उन्हें देखते हुए एक चीज मैं कसम खाकर कह सकता हूं कि मैंने एक इंसान के तौर पर कभी खुद को इतना तवज्जो नहीं दिया था. क्योंकि अभी जो मैं महसूस कर रहा हूं उसके हिसाब से दुनिया में मेरे लिए एक अलग पहचान बना दी गई है. जो सच्चाई से कोसों दूर और काफी अलग है.

विराट कोहली की कप्तानी छोड़ने के बाद से मैदान पर उनकी आक्रामकता, उत्साह बढ़ाना और गेंदबाजों के खिलाफ उकसावे का जवाब देना काफी हद तक कम हो गया है. हालांकि विराट कोहली ने बताया कि ‘मेरे अंदर अभी भी अपना सर्वश्रेष्ठ देने की भूख बरकरार है. जिस दिन यह भूख खत्म हो जाएगी उस दिन मैं क्रिकेट खेलना छोड़ दूंगा’.n

उन्होंने आगे बताया कि ‘ऐसा नहीं है कि मुझमें पहले जैसी भूख खत्म हो गई है. मेरे अंदर की भूख कभी नहीं मर सकती. जिस दिन यह मर जाएगी. मैं इस खेल को छोड़ दूंगा. पर आपको कुछ चीजें समझनी होगी. कई बार सभी चीजें आपके हाथों में नहीं होती है. आप उन्हीं चीजों पर काम कर सकते हैं. जो आपके बस में होती है और वह मैदान पर है कड़ी मेहनत करना. अपने जीवन में भी और उस नजरिये से भी अपने जीवन के सबसे संतुलित दौर में हूं और जो भी मैं हूं जिस तरह से जीवन में आगे बढ़ रहा हूं उससे मैं काफी खुश हूं’.

विराट कोहली ने आगे बताया कि ‘मैदान पर जो कुछ भी होता है उससे मुझे ज्यादा खुशियां या ज्यादा निराशा नहीं होती है और जो भी मैदान पर नजर आता है वह मेरे बारे में नहीं बल्कि इस बात के लिए है कि टीम के लिए मैं उतना योगदान नहीं दे पा रहा हूं जितना कि मैं देना चाहता हूं. मुझे खुद पर गर्व है| मुझे मेरा प्रदर्शन निराश नहीं कर रही है बल्कि मैं निराश इस बात से हूं कि मैं अपनी टीम का मनोबल गिरा रहा हूं’.

विराट कोहली भले ही रन बनाने में नाकाम हो रहे हो. लेकिन इस सबके बावजूद अपने कैरियर के इस दौर में सकारात्मक पक्ष को भी देखने में कामयाब हो रहे हैं. विराट कोहली ने अपने कैरियर के इस दौर को सबसे खुशहाल बताया है और कहा है कि अब उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि लोग उनके बारे में क्या बोलते हैं.

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