संन्यास के 14 साल बाद सौरव गांगुली ने सचिन, अजहर और द्रविड़ के बारे में तोड़ी चुप्पी

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की गिनती भारत के सबसे सफल और आक्रामक कप्तानों में होती है. सौरभ गांगुली ने ही अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को विदेशी धरती पर लड़ना सिखाया था. सौरभ गांगुली एक बेहतरीन कप्तान के साथ-साथ शानदार बल्लेबाज भी थे. उन्होंने अपनी कप्तानी में कई खिलाड़ियों के प्रतिभा को पहचाना और उसे आगे बढ़ने में मदद की.

सौरव गांगुली के पारी के बदौलत भारतीय टीम ने कई एकदिवसीय और टेस्ट मैच जीते हैं. साल 2008 में सौरव गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. हाल ही में बीसीसीआई अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कई सालों बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के साथ अपने कॉम्पटीशन पर चुप्पी तोड़ी है.

सौरव गांगुली ने इकोनॉमिक टाइम इंडिया लीडरशिप काउंसिल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि ‘मैंने मोहम्मद अजहरुद्दीन, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के साथ कभी भी अपनी तुलना करने की कोशिश नहीं की और न ही उस सबके साथ मेरा कभी मुकाबला था. एक कप्तान और एक लीडर में अंतर होता है. कप्तान अपने सीनियर और युवाओं को अपने नेतृत्व में कैसे भरोसा दिलाए इसमें अंतर होता है. मेरे लिए मैदान पर कप्तानी करना और टीम तैयार करना दोनों अलग बातें है. मैंने इन सब के साथ काम किया है. लेकिन उसके साथ कभी मुकाबला नहीं किया है. मैंने सब का सहयोग किया है और मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाई है.’

दादा ने आगे कहा कि ‘मैंने समय के साथ क्रिकेट का वास्तविक बदलाव देखा है. टीम में अलग-अलग मानसिकता वाले लोग थे और मुझे एहसास हो गया था कि टीम के अंदर प्रतिभा की कमी नहीं है. लेकिन बिना जोखिम उठाए प्रतिभा कुछ भी नहीं कर सकती है. मेरी टीम में कई महान खिलाड़ी भी थे जो किसी भी समय कप्तान बन सकते थे. मैं अपने आप को भाग्यशाली मानता हूं कि उन महान खिलाड़ियों के साथ मुझे खेलने का मौका मिला.’


सौरव गांगुली की कप्तानी का कमाल था कि वीरेंद्र सहवाग, आशीष नेहरा, जहीर खान, युवराज सिंह, हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी मैच विनर बनकर सामने आए हैं. इन सभी खिलाड़ियों को बड़ा खिलाड़ी बनाने में दादा काअहम योगदान है.
सौरव गांगुली भारतीय टीम के तीसरे सबसे सफल टेस्ट कप्तान है. दादा ने 49 टेस्ट मैचों की कप्तानी की है. जिसमें 21 मुकाबलों में जीत मिली है और 13 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है वहीं 15 मुकाबले ड्रॉ हुए हैं. दादा ने 140 एकदिवसीय मैचों की कप्तानी करते हुए 70 मैचों में जीत 65 में हार और पांच मैच बिना परिणाम के रहे हैं. इस समय सौरभ गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने का प्रयास कर रहे हैं.

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