भारत और श्रीलंका के बीच बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में आखिरी टेस्ट मैच खेला गया था. जिसमें पहले दिन 16 विकेट गिरे और 3 दिनों के भीतर मैच समाप्त हो गया. मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच को दूसरे टेस्ट के लिए औसत से कम रेटिंग दी है. जिसके कारण आईसीसी पिच और आउटफील्ड निगरानी प्रक्रिया के तहत स्थल को एक डिमैरिट अंक प्राप्त हुए हैं.
श्रीनाथ ने कहा है कि ‘पिच ने पहले दिन काफी असमतल उछाल दिया लेकिन हर सत्र के बाद इसमें सुधार हुआ. मेरे विचार से यह बल्ले और गेंद के बीच का मुकाबला नहीं था’ जवागल श्रीनाथ की रिपोर्ट बीसीसीआई को भेज दी गई है.
4 जनवरी 2018 को संशोधित आईसीसी पिच और आउटफील्ड निगरानी प्रक्रिया पेश किया गया था, इस प्रक्रिया के तहत यदि एक पिच या आउटफील्ड को घटिया के रूप में दर्जा दिया गया है तो उस स्थान को कई डिमेरिट अंक आवंटित किए जाएंगे.
आईसीसी ने कहा, ‘एक डिमेरिट अंक उन स्थानों को दिया जाएगा, जिनकी पिचों को मैच रेफरी द्वारा औसत से कम के रूप में रेट किया गया है, जबकि खराब पिचों को तीन डिमेरिट अंक और अनफिट पिचों को पांच डिमेरिट अंक दिए जाएंगे,’ डिमेरिट अंक पांच साल की अवधि के लिए सक्रिय रहेंगे.
आईसीसी ने आगे कहा, ‘जिस स्थल को पांच डिमेरिट अंक मिल जाते है, उसे 12 महीने की के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी से निलंबित कर दिया जाता है, जबकि 10 डिमेरिट अंक मिलने पर उस स्थल को 24 महीने के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी से निलंबित कर दिया जाता है.’
आईसीसी ने कहा, ‘जब आउटफील्ड को औसत से कम के रूप में रेट किया जाता है तो कोई डिमेरिट अंक नहीं दिया जाएगा, लेकिन दो डिमेरिट अंक खराब आउटफील्ड के रूप में चिह्न्ति किया गया है और पांच डिमेरिट अंक अनफिट आउटफील्ड के रूप में चिह्न्ति किया गया है.’