भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट की नीतियों से काफी निराश हैं. हाल ही में वेंकटेश प्रसाद ने सोशल मीडिया के जरिए टीम के चुनाव पर सवाल खड़े किए हैं. वेंकटेश प्रसाद ने सोशल मीडिया पर कहा है कि पहले खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें ड्रॉप किया जाता था लेकिन अब खिलाड़ियों के खराब फॉर्म के चलते उन्हें आराम दिया जाता है.
पूर्व दिग्गज गेंदबाज ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए अपनी नाराजगी शेयर की है. उन्होंने लिखा है कि ‘एक समय था जब आपकी फॉर्म खराब होती थी तो आपको ड्राप किया जाता था चाहे आप कितने बड़े खिलाड़ी क्यों ना हो. सौरभ गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, युवराज सिंह, हरभजन सिंह सहित कई खिलाड़ियों को खराब फॉर्म के चलते ड्रॉप किया गया था. इसके बाद वह घरेलू क्रिकेट में वापस आए, अच्छा स्कोर किया, फिर टीम में वापस आए.
उन्होंने आगे कहा है कि ‘अब चीजें बदल चुकी है. अब खिलाड़ी को ड्रॉप नहीं किया जाता है, बल्कि आराम दिया जाता है. यह टीम के प्रोग्रेस का रास्ता नहीं है. देश में बहुत सारा टैलेंट है. किसी के नाम के ऊपर नहीं खेल सकते. भारत के महान मैच विनर अनिल कुंबले को भी कई बार ड्रॉप किया गया है. टीम की भलाई के लिए एक्शन लेने में कोई बुराई नहीं है’.
पूर्व दिग्गज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद कहीं ना कहीं विराट कोहली को बार-बार मौका देने की वजह से गुस्सा हो रहे हैं. विराट कोहली पिछले लगभग 3 सालों से अच्छा स्कोर नहीं कर सके हैं. यही नहीं इंग्लैंड के खिलाफ दो टी20 मैचों में शानदार प्रदर्शन कर रहे दीपक हुड्डा की जगह कोहली को टीम में शामिल किया गया था, लेकिन कोहली ने दोनों मैचों में सिर्फ 12 रन बनाए हैं. ऐसे में कई वजह से वेंकटेश प्रसाद का गुस्सा होना जायज है.