‘मैं 10,000 से ज्यादा टेस्ट रन बनाता, अगर मुझे उस समय बाहर नहीं किया जाता’

भारत का सबसे महान टेस्ट क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने 2008 में आस्ट्रेलिया दौरे को लेकर भारतीय टीम के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर कप्तान अनिल कुंबले की भूमिका के बारे में खुलासा किया। और उन्होंने अपने कैरियर को फिर से कामयाब बनाने के पीछे अनिल कुंबले को श्रेय दिया। वीरेंद्र सहवाग अपनी खराब फॉर्म से गुजर रहे थे और 50 की औसत के बावजूद दिल्ली के पूर्व बेहतरीन बल्लेबाज को भारतीय टेस्ट ‌टीम से बाहर कर दिया गया। वीरेंद्र सहवाग ने 2007 में अपना 52वा टेस्ट खेलने के बाद सीधा 2008 में उन्होंने अपना 53वा टेस्ट मैच खेला था।

वीरेंद्र सहवाग ने स्पोर्ट्स 18 के फॉर्म ऑफ हीरोज के आने वाले एपिसोड में उन्होंने माना कि अचानक मुझे एहसास हो रहा था कि मैं टेस्ट टीम से बाहर हो रहा हूं इस कारण मुझे बहुत दुख हुआ l उन्होंने आगे कहा कि मैं 10,000 से भी ज्यादा रन बना था अगर उस समय मुझे टेस्ट मैच से बाहर नहीं किया जाता तो l 2007 से 2008 के आस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए वीरेंद्र सहवाग को टेस्ट टीम में शामिल करने से बहुत सारे लोग को हैरानी भी हुई l हालाँकि अनिल कुंबले द्वारा हौसला बढ़ाने वाला वीरेंद्र सहवाग पहले के दो टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे।

पर्थ में तीसरा टेस्ट मैच की तैयारी के लिए टीम ने कैनबरा की यात्रा की l वीरेंद्र सहवाग ने अपने कप्तान अनिल कुंबले को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मुझे कहा था कि इस प्रैक्टिस मैच में 50 रन बनाए और आपको होने वाले पर्थ टेस्ट मैच में चुने जाएंगे वीरेंद्र सहवाग ने एटीसी इनविटेशन इलेवन के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में लंच ब्रेक से पहले ही शतक लगा दी जिसके बाद उन्हें पर्थ टेस्ट मैच में टीम में चुना गया था। जिसके बाद उन्होंने पहली पारी में 63 रनों की शानदार पारी खेली। दूसरी पारी में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी के साथ 151 रनों की बेहतरीन पारी खेली l जिसके दौरान वीरेंद्र सहवाग ने याद किया कि वे 60 रन मेरे जीवन में बहुत कठिन थे।

मैं निर्भय के विश्वास पर खरा उतरना चाह रहा था मैं यह नहीं चाह रहा था कि कोई भी मुझे आस्ट्रेलिया लाने के बारे में उनसे सवाल करें। ऑस्ट्रेलिया के दौरे के बाद अनिल कुंबले ने सहवाग से वादा किया l जिस को याद करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि उन्होंने मुझे कहा था कि जब तक मैं टेस्ट टीम का कप्तान हूं आप को टीम से बाहर नहीं किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि वह बोले एक खिलाड़ी सबसे ज्यादा अपनी कप्तान के भरोसे के लिए तरसता है l मुझे वह अपने शुरुआती वर्षों में सौरव गांगुली और अनिल कुंबले से मिले l

वीरेंद्र सहवाग ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद अनिल कुंबले की कप्तानी में 62 से अधिक औसत के साथ सात मैचों में रन बनाएं। कर्नाटक के लेग स्पिनर के नेतृत्व ने वीरेंद्र सहवाग को सर्वश्रेष्ठ प्रसिद्ध किया जिस में वीरेंद्र सहवाग का कैरियर का सर्वश्रेष्ठ रन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 319 और श्रीलंका के खिलाफ 201 रन शामिल है। वीरेंद्र सहवाग का अनिल कुंबले के प्रति सम्मान इसलिए नहीं है कि अनिल कुंबले ने उन्हें दौड़े के लिए चुना था बल्कि इसलिए है कि सिडनी में दूसरे टेस्ट मैच में विवाद से निपटने के लिए उन्होंने क्या किया था।

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