खून से भी बढ़कर है एम एस धोनी और हार्दिक पांड्या का रिश्ता

महेंद्र सिंह धोनी और हार्दिक पांड्या क्रिकेट जगत के दो बड़े नाम है. उनकी दोस्ती दुनिया भर में कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. अपनी अलग पृष्ठभूमि और अलग खेलने की शैली के बावजूद दोनों के बीच मैदान के अंदर और बाहर एक गहरा रिश्ता है.

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सभी समय के महानतम क्रिकेटरों में से एक माना जाता है. वह अपने शांत व्यवहार, तेज क्रिकेट दिमाग और असाधारण नेतृत्व क्षमता के लिए मशहूर है. जिसके कारण उन्हें कैप्टन कूल भी कहा जाता है.
हार्दिक पांड्या एक युवा ऑलराउंडर है. जो अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और अनुशासित गेंदबाजी से 2016 में चर्चा में आए और जल्दी ही क्रिकेट जगत का एक चर्चित नाम बन गए.

उम्र के फैसले और उनकी खेल शैली में अंतर होने के बावजूद दोनों ने वर्षों में एक गाढ़ी दोस्ती विकसित की है. दोनों खिलाड़ियों के अनुसार उनकी दोस्ती की शुरुआत 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान हुई थी. जहां उन्होंने एक साथ एक कमरा शेयर किया था. जहां जल्दी ही वे क्रिकेट के साझा प्रेम और एक दूसरे की क्षमताओं के लिए गहरा सम्मान विकसित करना शुरू कर दिए.

इसके बाद दोनों खिलाड़ियों को अक्सर मैदान के बाहर एक साथ हैंग आउट करते हुए देखा गया है. साथ ही दोनों एक दूसरे के फैमिली फंक्शन में जाते हुए और एक दूसरे की फैमिली के साथ टाइम बिताते हुए भी देखा गया. महेंद्र सिंह धोनी को अक्सर हार्दिक पांड्या के बेटे अगस्त्य के साथ खेलते हुए देखा गया है और दोनों एक साझा बांड भी शेयर करते हुए नजर आए हैं.

क्रिकेट के मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी हार्दिक पांड्या के लिए एक संरक्षण और मार्गदर्शक के रुप में रहे हैं. जो उन्हें अपने खेल को विकसित करने में मदद करते हैं. धोनी अपना बहुमूल्य सलाह और समर्थन देते रहते हैं. हार्दिक पांड्या ने अक्सर धोनी को अपनी सफलता का श्रेय देते हुए कहा है कि उन्हें पूर्व कप्तान के अनुभव और नेतृत्व से बहुत कुछ सीखने को मिला है.

दोनों की दोस्ती के सबसे यादगार पलों में से एक 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ विश्व कप मैच के दौरान देखा गया था. उस मैच में हार्दिक पांड्या ने बांग्लादेश के स्टार बल्लेबाज को आउट करने के लिए एक महत्वपूर्ण कैच पकड़ा था और जत्र बनाने के लिए तुरंत धोनी की ओर दौड़ पड़े थे. दोनों ने गर्मजोशी के साथ एक दूसरे को गले लगाया. धोनी ने प्रसंता और गर्व से हार्दिक की पीठ थपथपाई.

वैसे देखा जाए तो धोनी और हार्दिक की दोस्ती लोगों को एक साथ लाने में खेल की शक्ति का उदाहरण है. उम्र, पृष्ठभूमि और खेलने की शैली में अंतर के बावजूद दोनों ने क्रिकेट के अपने साझा प्रेम और एक दूसरे की क्षमताओं के लिए सम्मान के आधार पर एक गहरा रिश्ता विकसित किया है. उम्मीद है आने वाले वर्षों में निश्चित रूप से यह रिश्ता और मजबूत होगी.

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