महेंद्र सिंह धोनी समेत 8 के खिलाफ बेगूसराय CJM कोर्ट में परिवाद दायर

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सहित 8 लोगों के खिलाफ बेगूसराय सीजेएम रुपम कुमारी के न्यायालय में डीएस इंटरप्राइजेज के मालिक ने परिवाद दर्ज कराया गया है. यह मामला कृषि कार्य में उपयोग होने वाले उर्वरक से जुड़ा हुआ है. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 जून की तारीख निर्धारित की है. इस उत्पाद के लिए सीएनएफ देने और फिर वापस करके 30 लाख का चेक बाउंस होने का मामला बताया जा रहा है. खबरों के अनुसार एम एस धोनी इस उत्पाद का प्रचार करते हैं.

बेगूसराय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रूपम तिवारी के न्यायालय में डीएस एंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर नीरज कुमार निराला ने न्यू ग्लोबल उपज वर्धक इंडिया लिमिटेड के मार्केटिंग स्टेट हेड बिहार अजय कुमार, सीईओ राजेश आर्या, कंपनी के चेयरमैन महेंद्र सिंह धोनी समेत 8 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 120 बी और एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत परिवाद पत्र दायर किया है.

परिवादी नीरज कुमार निराला ने सभी आरोपितों पर आरोप लगाया है कि साल 2021 में परिवादी ने न्यू ग्लोबल उपज वर्धक इंडिया लिमिटेड का सीएनएफ लिया था. सीएनएफ लेने के लिए परिवादी ने 36 लाख 86 हजार रुपये कंपनी को दिए थे. कंपनी ने परिवादी को उर्वरक भेज दिया था. लेकिन कंपनी के असहयोग के कारण परिवादी को उर्वरक बेचने में परेशानी होने लगी. जिसके बाद परिवादी और कंपनी के बीच विवाद उत्पन्न होने पर कंपनी ने परिवादी को 30 लाख रुपए का चेक देते हुए सारा उर्वरक वापस ले लिया.

परिवादी ने कंपनी के दिए उस चेक को बैंक में डाला लेकिन भुगतान नहीं हुआ और चेक बाउंस कर गया. इसके बाद परिवादी ने आरोपित को कानूनी नोटिस भेजा. लेकिन इसके बाद भी उसका कोई समाधान नहीं निकला. इसके बाद परिवादी ने न्यायालय में सभी आरोपी और कंपनी के विरुद्ध न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल किया है. परिवादी की ओर से अधिवक्ता कुमार संजय मुकदमा को देख रहे हैं.

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रूपम कुमारी ने सुनवाई के बाद इस मामले को न्यायिक दंडाधिकारी अजय कुमार मिश्रा की अदालत में भेज दिया है. इसकी अगली सुनवाई 28 जून को होगी. परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के साथ चेक, लीगल नोटिस और महेंद्र सिंह धोनी की ओर से किए जा रहे विज्ञापन की फोटो अदालत में जमा किया है. परिवादी नीरज कुमार ने बताया कि राशि देने के बाद उर्वरक लिया गया था. लेकिन कई बार प्रयास करने के बावजूद भी उर्वरक की बिक्री नहीं हुई. बाद में कंपनी ने उर्वरक वापस ले लिया और 30 लाख का चेक दिया जो कि बाउंस कर गया है. चेक बाउंस सोने के बाद कंपनी से लोगों से बात की गई. लेकिन इसका समाधान नहीं निकल पाया. जिसके बाद न्यायालय में परिवाद पत्र दायर किया गया है.

About the Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *