भारत और इंग्लैंड के बीच पिछले साल खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आखरी रीशेड्यूल मैच 1 जुलाई से एजबेस्टन में खेला गया था. इस मैच में तीन दिनों तक आगे रहने के बाद भारतीय टीम को 7 विकेट से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है. भारतीय टीम के लिए यह हार अब तक की सबसे बड़ी हार में से एक है. इस हार के कारण भारतीय टीम को 2007 के बाद इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने का सपना चकनाचूर हो गया.
इंग्लैंड की टीम ने 378 रनों के लक्ष्य को हासिल करते ही भारतीय टीम के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने वाली दुनिया की पहली टीम बन गई है. इससे पहले 1997 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ 339 रनों का लक्ष्य हासिल किया था. यह इंग्लैंड की धरती पर किसी भी टीम द्वारा हासिल किया गया सबसे बड़ा लक्ष्य है. इस हार के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने कहा है कि हमारे पास इस टेस्ट मैच को जीतने का भरपूर मौका था, लेकिन इसका हम लाभ नहीं उठा सके. दूसरी पारी में गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों ने ही खराब प्रदर्शन किया है| हार के बाद मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता.
राहुल द्रविड़ ने कहा है कि ‘दक्षिण अफ्रीका के बाद इंग्लैंड के खिलाफ भी हमारे पास जितने के काफी मौके थे, लेकिन इसे हम भुना नहीं सके. मुझे लगता है कि यह समस्या काफी बड़ी है, जिस पर हमें ध्यान देने की जरूरत है. पिछले कुछ सालों में हम बेहतर थे, लेकिन पिछले कुछ महीनों से हम जीत के मामले में पिछड़ रहे हैं. हमें जीत के प्रदर्शन को वापिस हासिल करना होगा और हमें फिटनेस के मामले में भी काम करना होगा’.
उन्होंने आगे कहा है कि ‘दूसरी पारी में हमारी बल्लेबाजी का स्तर कुछ खास नहीं था. पहली पारी में हमने बल्लेबाजी और गेंदबाजी में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया था, लेकिन दूसरी पारी में हम इसे बरकरार नहीं रख पाए. हार पर मैं कोई बहाना बनाना नहीं चाहता. मैं पिछले साल टीम का हिस्सा नहीं था. शायद उस समय इंग्लैंड की टीम कुछ अलग थी. अभी इंग्लैंड न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार तीन जीत के साथ आए थे’.
भारतीय कोच ने आगे कहा कि ‘हमने काफी लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है. काफी समय बाद यह टेस्ट मैच खेला गया है. लेकिन हम इस हार को लेकर किसी तरह का कोई बहाना नहीं बनाना चाहते. इंग्लैंड की टीम ने अच्छा खेल दिखाया है. हम तीन दिनों तक अच्छी स्थिति में थे, लेकिन इसको आगे बरकरार नहीं रख पाए. यही कारण है कि टेस्ट क्रिकेट काफी कठिन है, क्योंकि इसमें आपको अपने खेल के स्तर को पांच दिनों तक बरकरार रखना पड़ता है’.