‘मैंने विकेटकीपिंग इसलिए शुरू की क्योंकि मेरे पापा विकेटकीपर थे’

भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत भारतीय टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक है. 24 वर्षीय ऋषभ पंत को देखकर एक समय ऐसा लगा था कि वह महेंद्र सिंह धोनी का जगह न ले ले. लेकिन अब उन्होंने मजबूती के साथ अपने आप को टीम में स्थापित कर लिया है. जिसकी वजह से आगामी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की टी-20 घरेलू सीरीज में उन्हें उप-कप्तान बनाया गया है.

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 9 जून से शुरू होने वाली T20 सीरीज के पहले ऋषभ पंत ने बताया है कि वह विकेटकीपर कैसे बने. ऋषभ पंत की बात सुनने के बाद ऐसा लग रहा है कि अगर उसके पिता विकेटकीपर नहीं होते तो आज ऋषभ पंत भी भारतीय टीम के लिए विकेट कीपिंग नहीं कर रहे होते.

ऋषभ पंत ने एसडीटीवी पॉडकास्ट पर बातचीत करते हुए कहा है कि ‘मुझे नहीं पता कि मेरी विकेटकीपिंग सुधरी है या नहीं. मैं हर दिन अपना 100% देने की कोशिश करता हूं. मैं हमेशा से एक विकेटकीपर बल्लेबाज था. एक बच्चे के रूप में मैं विकेट कीपिंग करना इसलिए चुना कि मेरे पिताजी भी विकेटकीपर थे. इस तरह यह सब शुरू हुआ.’

ऋषभ पंत ने आगे बोलते हुए कहा है कि ‘अगर आप एक अच्छे विकेटकीपर बनना चाहते हैं तो आपको चुस्त-दुरुस्त रहने की काफी जरूरत है. अगर आप फुर्तीले हैं तो यह आपकी काफी मदद करेगा. दूसरी चीज यह है कि गेंद को आखरी तक देखना होता है. कभी-कभी ऐसा होता है कि हम जानते हैं कि गेंद आ रही है और हम ढीले पड़ जाते हैं. आपको इसे तब तक देखते रहना चाहिए जब तक कि आप इसको पकड़ नहीं ले. अंत में अनुशासित रहे और तकनीक पर काम करें.’

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