बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2020-21 में भारत की ऐतिहासिक जीत प्रशंसक आज भी नहीं भूले होंगे. मेलबर्न क्रिकेट मैदान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट में भारत की शानदार वापसी के बाद भारत को सिडनी में तीसरे टेस्ट के दौरान कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था. लेकिन भारतीय टीम किसी तरह इस मैच को ड्रॉ कराने में सफल हो गई थी.
सिडनी में तीसरे टेस्ट के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब भारत जीत के लिए 407 रनों का पीछा कर रही थी. उस समय ऋषभ पंत के आउट होने के बाद भारतीय टीम काफी दबाव में आ गई और जैसे-तैसे मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ. अब ऋषभ पंत ने सिडनी में तीसरे टेस्ट मैच को याद करते हुए कहा है कि अगर उस समय पुजारा ने उससे कुछ ना कहा होता तो वह शायद शतक बना देते.
तीसरे टेस्ट के अंतिम दिन कप्तान अजिंक्य रहाणे का विकेट गिर जाने के बाद मैच बचाने की जिम्मेदारी चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत के कंधो पर आ गई थी. दोनों ने चौथे विकट के लिए शानदार 148 रनों की साझेदारी की थी. जिसमें ऋषभ पंत 97 रन बनाए थे. इस दौरान ऋषभ पंत ने 12 चौके और 3 छक्के लगाए थे. इस मैच में ऋषभ पंत ने ऑस्ट्रेलिया के सभी गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाए. वही चेतेश्वर पुजारा संयम से बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को चकमा दे रहे थे.
ऋषभ पंत ने ‘बंदे में था दम’ की डॉक्यूमेंट्री में पुजारा की बातों को याद करते हुए कहा कि उस मैच में पुजारा ने कहा था कि ‘ऋषभ… विकेट बचाने की कोशिश करो. सिंगल डबल्स से भी काम चला सकते हो. आपको बाउंड्री मारने की जरूरत नहीं है. यह सुनकर मुझे थोड़ा गुस्सा जरुर आया. क्योंकि पुजारा ने मुझे दोहरी मनोस्थिति में डाल दिया था. मुझे वह स्थिति पसंद है. जिसमें मैं अपनी योजना में साफ रहता हूं कि मैं यही करना चाहता हूं. मेरे दिमाग में उस समय एक ही बात चल रही थी कि अगर मैं शतक लगा लेता हूं तो यह मेरे सर्वश्रेष्ठ में से एक होता. क्योंकि मैंने उस समय अच्छी गति प्राप्त कर ली थी.’
इसी बीच अजिंक्य रहाणे ने भी बताया कि जब ऋषभ पंत 97 पर आउट होकर ड्रेसिंग रुम में आए थे तो उनका प्रतिक्रिया कैसा था. रहाणे ने कहा ‘जब वह अंदर आया तो निराश और गुस्से में था. उसने कहा पुजारा भाई आए और उन्होंने मुझे याद दिलाया कि मैं 97 पर था. यह मुझे पता भी नहीं था. अगर उन्होंने कुछ नहीं कहा होता तो मैं शायद शतक पूरा कर लेता.’